हर वर्ष 1 जनवरी को नया वर्ष क्यूँ मनाया जाता है? नए वर्ष में क्या संकल्प लें जिससे की हमारा जीवन बेहतर बन सके?

नव, नया , नवीनता , नूतनता शब्द अपने आप में एक आशा विश्वास नई कल्पना नई स्फूर्ति , नई जिज्ञासा , नए वादे आदि सैंकड़ो शब्दों को अपने आप में समेटे हुए हैं। नया शब्द एक संभावना है पुराने का स्थान लेने की। वह संभावना जो पुराने की संरचना बदल दे उसे नया रूप दे दे। एक विकास की उत्पत्ति की एक नए सृजन की उत्पत्ति।

  • नया शब्द अपने आप में विशाल है कई अर्थों उद्देश्यों को अपने आप में समाए हुए हैं। वह अवर है कुछ भी नया करने का।

  • हर वर्ष 1 जनवरी को नया वर्ष क्यूँ मनाया जाता है? नए वर्ष में क्या संकल्प लें जिससे हमारा जीवन बेहतर बन सके।

  • हम किसी भी तरह से देख ले । पुरानी रीति रिवाज बदले तो नया रूप लेकर एक संभावना बन जाती है, परिवर्तन की , एक लक्ष्य की उन्नति की।

  • प्रकृति में ही परिवर्तन को देखें तो ऋतुओं के रूप में पतझड़ जहां निराशा का प्रतीक है उदासी है निजता है उसका नया रूप बसंत आशा, प्रसंता और सरसता बन जाता है। प्रकृति भी अपना नया रूप बदलकर हमारे लिए एक प्रेरणा स्वरूप बन जाती है, एक सृजनात्मकता की ओर।

  • नवजात का जीवन में आगमन एक उम्मीद का आगमन, सपनों के साकार होने की कल्पना और संभावनाओं का जन्म है। त्योहारों का साल भर बारी-बारी आना सूचक है एक नई स्फूर्ति का , परिवर्तन का जो हमारी मनोवृति को परिवर्तित करने में सहायक होती है।

नई फसल का घर में आना एक किसान को आत्मविश्वास से भर देती है । वह नए उत्साह से अगली फसल की तैयारी करने के लिए अपने खेतों में जुट जाता है। वह फिर से परिश्रम करने के लिए कुछ पुराने अनुभवों से सीख कर कुछ पुरानी कमियों को दूर कर अपनी अगली फसल की तैयारी के लिए कमर कस लेता है।

  • हम भी नए साल की ओर अग्रसर है नववर्ष के आगमन को हम बड़ी आतुरता से देख रहे हैं। कई योजनाएं जो नए साल के लिए बनाई जा रही है, अपने बेहतर जीवन जीने के लिए , अपने जीवन को एक नए मुकाम पर पहुंचाने के लिए, अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरे करने के लिए, अपने आप से वादा , यह सब लेकर हम नई साल को देख रहे हैं।

  • नए साल को एक विद्यार्थी अपनी नजर से, व्यवसाई अपनी नजर से , किसान अपनी नजर से ,सरकारी कर्मचारी अपनी नजर से देखते हैं जो समाज को और देश को नई दिशा, दशा देने में समर्थ रहते हैं।

  • सभी की नई साल को लेकर कुछ सपने हैं, कुछ उम्मीदें हैं जो उन्हें पूरी करनी है।नए साल के आगमन पर पुरानी साल की विदाई के तरीके सब के अलग-अलग हैं। आज के समय में देश विदेशों में यह पार्टी समारोह का रूप लेकर इसका जश्न हर्षोल्स से करते हैं।

पुराना भी अपने आप में एक बड़ा स्थान हमारे जीवन में रखता है, वह चाहे हमारे बुजुर्ग हो , हमारी अनुभव हो या फिर हमारी पुरानी यादें । पुराना साल यह हमारे लिए सबक बन कर , शिक्षा बनकर और प्रेरणा बनकर हमें नए से मिलाता है।

  • नए साल में प्रवेश करने से पहले पुरानी आदतें, स्वभाव जो हमारे विकास में बाधक बनी या हमारे लक्ष्य को पाने में रुकावट बनी, उन्हें अपने जीवन में पुरानी बात बनाएं उसे त्याग दें।
  • नए साल पर अपने से कुछ वादे करें। नई साल में कदम रखने के साथ अपने आप को परिवर्तन का अवसर दें , कुछ वायदे जो आपको नई साल में पूरे करने है उन्हे पूरे करें।

हर वर्ष 1जनवरी को नया वर्ष क्यूँ मनाया जाता है ?

नए वर्ष में क्या संकल्प लें जिससे की हमारा जीवन बेहतर बन सके?

समय पर सोना व जागना:

समय पर सोना समय पर जागना हमें स्वस्थ बनाता है। हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ ऊर्जा से भरे रहते हैं। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होने से हमारे विचार भी स्वस्थ रहेंगे। Positive Energy जिसका असर हम अपने आसपास के लोगों पर भी आदान प्रदान करेंगे। इससे सकारात्मक वातावरण बनेगा। सकारात्मक लोग जब साथ रहेंगे सोच रचनात्मकता साथ रहेगी। यह खुशहाल जीवन की पहचान है।

स्वस्थ रहने का संकल्प लें:

नए साल में यह संकल्प लें कि आप अपने आप को स्वस्थ रखेंगे। व्यायाम, पैदल चलना , शारीरिक श्रम का महत्व ध्यान में रखकर अपना समय इन गतिविधियों में भी लगाएं। उचित खान-पान का विशेष ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि हमारे आहार का हमारे आचार और व्यवहार पर भी असर पड़ता है।

समय प्रबंधन करना:

नए साल पर अपने समय का प्रबंधन पर ध्यान दे। ईश्वर ने बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति को 24 घंटे दिए हैं। इन 24 घंटो का प्रयोग वह कहां करें , कैसे करें। यह उसकी सफलता और असफलता को प्रभावित करता है। इसलिए समय प्रबंधन पर ध्यान देना बहुत आवश्यक हो जाता है। अपने समय का सही उपयोग करें । इसे व्यर्थ में ही नकारात्मक लोगों के साथ और व्यर्थ की बातों में नष्ट ना करें। समय का सदुपयोग करना सफल लोगों की निशानी है।

अपनी अच्छी और बुरी आदतों की पहचान करें:

हमें अपनी अच्छी और बुरी आदतों पर इमानदारी से नजर रखनी चाहिए। इमानदार रहे। यदि जाने अनजाने में आप से कोई गलती हुई है तो उसे ईमानदारी से स्वीकारें और यदि आपने कुछ अच्छा काम किया है तो खुश होकर अपने आप को प्रोत्साहित करें। अपनी बुरी आदतों को बारी-बारी से छोड़ते जाएं अपने साथ कठोरता दिखाएं उन्हें छोड़ने में देर ना करें। किसी भी तरह का

अपने लिए सहानुभूति या मजबूरी जैसे बहाने बनाकर अपने लिए कोमल ना बने। इन्हें बिना किसी देरी से छोड़ दें। यदि आप में कोई प्रतिभा है तो उस पर फोकस करें।उन्हें और निखारने के लिए समय दे।

दृढ़ संकल्प लें:

दृढ़ संकल्प लें कर हम किसी भी आदत को हमेशा के लिए अपने व्यवहार में आत्मसात कर लेते हैं। जो सोचें वो करें और उस सोच को बरकरार रखें। किसी भी कार्य की आदत को बनाने के लिए 21 दिन लगते है।

को सकारात्मकता की तरफ ले जाते हुए जो वायदे आपने अपने साथ किए हैं उनका पालन डरता से करें। किसी भी परिस्थिति के सामने घुटने नहीं टेके दृढ़ता के साथ प्रत्येक स्थिति का सामना करें अपनेऔर अपने पथ पर आगे बढ़े।

नकारात्मक सोच और नकारात्मक लोगों से दूर रखें:

नकारात्मक सोच व नकारात्मक लोग हमारे विकास में सबसे बड़े बाधक होते। नकारात्मक सोच के लोगों की परिधि में रहने से हमारी सोच पर बड़ी जल्दी से प्रभाव पड़ने लगता है। एक ही बात को बार बार सुनने से हम वैसा ही सोचना शुरु कर देते हैं। वह देश के रूप में लोगों के द्वारा हमारे दिमाग में रोपित कर दिए गए होते हैं और निरंतर ऐसे लोगों के संपर्क में रहने से वह प्रेषित होने लगते हैं। और हमारे व्यवहार में अभी दृष्टिगोचर होने लगते हैं। हमारा व्यक्तित्व भी वैसा होने में देर नहीं लगती इसलिए ऐसे लोगों से .

सहनशील और उत्साही बने:

विपरीत परिस्थितियों में सबसे बड़ा मित्र हमारा संयम होता है। संयमी बनकर हम समय को बदल कर उसे अपने अनुकूल बना सकते हैं। प्रतिकूलता में ही व्यक्ति के संयम की परख होती है थोड़ा होने से घबराए नहीं ज्यादा होने से अपने को फ्ई नहीं इन दोनों का संतुलन बना रहना ही संयम का नाम है।

संयमित रहकर ही हम उचित निर्णय ले सकते हैं और उस असफलता को सफलता में बदल सकते हैं।

उत्साह का जीवन उत्साह का जीवन में होना हमें हमेशा स्फूर्ति दायक बनाता है। हम में कुछ नया करने का जोश बना रहता है। आशावादी बंद कर हम निराशा पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। कुछ नया करने का जोश, आत्मविश्वास ही बने रहना, जागरूक बने रहना यह सभी तरह के उत्साह का ही रूप है यह हमारे सफल जीवन के लिए बहुत उपयोगी है।

हमेशा आशावादी बने:

हार जीत आशा निराशा जीवन के दो पहलू है। दिन रात है तो रात भी है। अंधेरा जब बहुत गहरा होता है तो उजाले होने की संभावना बढ़ जाती है। मुश्किल समय मैं घबरा ही नहीं। आशावादी बने समय सदैव एक सा नहीं रह पाता बुरा वक्त प्रयास करने से अच्छा बनाया जा सकता है यह आशावादी व्यक्तित्व की निशानी है। असफलता से ना घबराए। अपनी कमियों को सुधार कर आगे बढ़ना है आशावादी होना है।

समाज के लिए अपना योगदान दें:

अपना व्यक्तित्व ऐसा बनाएं कि समाज के लिए कुछ सोचे। किसी ना किसी के रूप में समाज के लिए अपना योगदान अवश्य दें। आप यदि किसी भी तरह से अपने आप को सक्षम समझते हैं तो समाज की मदद करें।

यदि आप शिक्षित है और जो व्यक्ति पढ़ नहीं पाते हैं आप उन्हें पढ़ाएं। यदि आप वित्तीय रूप से मजबूत हैं तो ऐसे वर्ग की मदद करें जो जरूरतमंद है।

आपके पास कोई प्रतिभा हो तो सामाजिक विकास के लिए उसका प्रयोग करें। यदि हमारा समाज विकसित होगा तो इससे हमारा देश विकसित होगा यदि प्रत्येक व्यक्ति कुछ इस तरह की सोच रखेगा तो इसे समाज व देश जरुर बदलेगा।

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